दक्षिण और मध्य अंडमान के बीच स्थित इस द्वीप में खूबसूरत समुद्री तटए मैंग्रोव क्रीकए मड वाल्कैनो और चूना पत्थर की गुफाएं हैं। आप वन विभाग की अनुमति से उचित स्थानीय मार्गदर्शन द्वारा बारातांग में स्थित चूना पत्थर की गुफाओं का दौरा कर सकते हैं। आप बारातांग द्वीप ;नीलांबर घाटद्ध से नाव से चौड़ी खाड़ियों से होते हुए चूना पत्थर की गुफाओं तक लगभग आधे घंटे में पहुंच सकते हैं। ये नाव नीलांबर जेट्टी से नायडेरा जेट्टी की ओर जाती है। यहां आप उष्णकटिबंधीय वनों से होते हुए डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित इन गुफाओं तकए पैदल पहुंच सकते हैं।

 

बारातांग जेट्टी से इन गुफाओं को जोड़ने वाला रास्ता मैंग्रोव की संकीर्ण खाड़ियों से होकर गुजरता है। इन गुफाओं में बड़े पैमाने पर तलछटी चूने पत्थर से बनी संरचना को देखा जा सकता हैए जिनमें से कुछ ऊपर से नीचे की ओर लटक रहे हैं और कुछ जमीन से ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। दिलचस्प बात तो यह है किए इन गुफाओं का आकार निरंतर बढ़ रहा है!

भूमि के अंदर मौजूद कार्बनिक पदार्थों के अपक्षय से निकली प्राकृतिक गैसों के उत्सर्जन से मड वाल्कैनो सक्रिय रहता है। यहां नीलांबर घाट से जाने वाली सड़कों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस ज्वालामुखी के अंदर जैसे.जैसे कीचड़ को गैस ऊपर की ओर धक्का देती हैए यह ज्वालामुखी से बाहर निकलकर जमकर कठोर हो जाती है। जैसे ही अधिक कीचड़ बाहर निकलने लगता है तो ज्वालामुखी के किनारों पर इसका फैलाव बढ़ जाता हैए धीरे.धीरे शीर्ष पर मलाईदार मिट्टी के गड्ढे के जैसा एक लघु ज्वालामुखी बन जाता है। बारातांग जेट्टी के पास एक छोटा द्वीप भी स्थित हैए जहां कोई निवास नहीं करता। यहां विभिन्न प्रजातियों के हजारों तोते देखने के लिए शाम का वक्त गुज़ारा जा सकता हैए इसी कारण इसे श्पैरट द्वीपश् के नाम से जाना जाता है।

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