ऐसा माना जाता है कि इस मुग़लकालीन बाग का निर्माण बाबर ने करवाया था तथा बाद में उसके परपौत्र की वधू बेग़म नूरजहां ने इसका जीर्णोद्धार किया था। कहा जाता है कि राम बाग देश में बना सबसे प्राचीन मुग़लकालीन बाग है। मुग़लों में सुंदर बाग बनवाने का उद्देश्य धरती पर जन्नत की छवि उत्पन्न करना था। ऐसी मान्यता है कि राम बाग का वास्तविक नाम आराम बाग था जो इस्लामी परिदृश्य वास्तुकला एवं बनावट का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह ताजमहल से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि यह वही जगह है जहां पर बाबर को अस्थाई रूप से दफ़नाया गया था, बाद में उसके शव को अफ़गानिस्तान के काबुल में दफ़ना दिया गया था।  

इस बाग की बनावट चारबाग पर आधारित नहीं है, जो मुग़लों की विशेषता रही है जिसमें बाग को तालाब एवं पगडंडियों द्वारा चार भाग में बांटा जाता है। अपितु इस बाग की बनावट हश्त-बहिश्त पर आधारित है। इसमें तीन स्तर बने हुए हैंः एक सब्ज़ियों व फूलों के लिए, एक फूलों की क्यारियों के लिए तथा एक में निर्माणकार्य, तालाब एवं बरामदे बने हुए हैं। इस बाग में अनेक फारसी प्रभाव देखने को मिलते हैं तथा इसका निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि यमुना नदी के पानी का उचित प्रकार से सदुपयोग किया जा सके। पानी का वितरण व्यापक स्तर पर फव्वारों तथा गर्मियों के मौसम में भी तापमान को ठंडा रखने के लिए किया जाता था। फव्वारे एवं मंडप पानी के मुख्य स्रोत के किनारे पर बने हुए हैं और बाग चाहरदीवारी से घिरा हुआ है। उसके किनारों पर स्तंभों वाले मंडप बने हुए हैं। राम बाग सुबह से शाम तक खुला रहता है।

अन्य आकर्षण