सर्दियों का मौसम आरंभ होते हीए भारत में त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान पूरे वातावरण में उत्साह एवं उमंग का माहौल व्याप्त होता है। सभी लोग इन समारोहों को मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार होते हैं। इस समय मनाए जाने वाला भारत का प्रमुख त्योहार दिवाली ही होता है। यह रोशनी के पर्व के नाम से भी अधिक जाना जाता है। ऐसी गाथा है कि भगवान राम जब 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थेए तब यह पर्व मनाया गया था। उनके राज्य के निवासियों ने अपने.अपने घरों में दीपक जलाकर रोशनी की थी। वर्तमान समय में इस पर्व को वैसे ही मनाया जाता है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को उपहार भेंट करते हैं। परिजन एकत्रित होकर एक दूसरे को पर्व की बधाई देते हैं। 

आप अगर इस दिवाली पर कहीं जाने की सोच रहे हैं तब ये कुछ जगह ऐसी हैंए जहां पर यह त्योहार भव्य रूप से मनाया जाता है।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश

दशहरे से लेकर दिवाली तक वाराणसी इन समारोहों के कारण जीवंत हो उठता है। रंग.बिरंगी आतिशबाजी देखने से लेकर मधुर मंत्रोच्चारण तक सुनने को मिलते हैंए इस पर्व के दौरान समस्त वातावरण आकर्षण उत्पन्न करता है। गंगा नदी के ऊपर होने वाली आतिशबाजी एक सुंदर परिदृश्य प्रस्तुत करती है। आप गंगा किनारे पर होने वाली गंगा आरती का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं। इस दौरान पूरे घाट को दीयों एवं मोमबत्तियों से सजाया जाता है। बाद में ये दीये गंगा में बहा दिये जाते हैं। दिवाली के एक पखवाड़े के पश्चात देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। यह पर्व भी भव्य तरीके से मनाया जाता है। 

दिल्ली

दिवाली के दौरान दिल्ली शहर एक आकर्षक एवं उमंग से भरपूर गंतव्य बन जाता है। खरीदारी के शौकीन लोगों के लिए यह किसी जन्नत से कम नहीं होता। यहां के मॉल बाज़ारों मार्केट एवं यहां तक कि अकेले सामान बेचने वाले भी बेहतरीन चीज़ों का प्रदर्शन करते हैं। इस पर्व को शानदार बनाने के लिए दुकानें रंग.बिरंगी रोशनी से सजाई जाती हैं। खरीदारों को लुभाने के लिए उपहार दिए जाते हैं। इसके अलावा खाने.पीने की दुकानों पर विभिन्न प्रकार के लज़ीज पकवान मिलते हैं। दिवाली के प्रमुख आकर्षणों में यहां लगने वाले मेले भी होते हैंए जो समस्त शहर में आयोजित किए जाते हैं। ये दिवाली मेले विविध प्रकार के आयोजनों से परिपूर्ण होते हैं जो आप में पर्व की उमंग को और प्रफुल्लित करेंगे।

उदयपुर

आप अगर घरेलू प्रकार की दिवाली का आनंद लेना चाहते हैं तब उदयपुर जाएं जहां हर एक घर और छत दीयों से जगमगाते हैं। पिछोला झील के ऊपर होने वाली आतिशबाजी आपका मन मोह लेगी। इस अवसर पर यहां के मंदिरों को भी सुंदर ढंग से सजाया जाता है। इन सभी मंदिरों में से महालक्ष्मी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर अनेक दिवाली मेले भी लगते हैंए जो देखने लायक होते हैं। इन मेलों में आपको स्थानीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। 

अयोध्या

यद्यपि भगवान राम की गाथा का प्रमुख केंद्र अयोध्या ही रहा हैए दिवाली यहां जाने का सबसे उपयुक्त समय है। ऐसा माना जाता है कि वनवास पूरा करके भगवान राम अपनी पत्नी व भाई के संग यहीं पर लौटे थे। इस अवसर पर सरयु नदी के किनारों को दीयों से सजाया जाता है। यह दृश्य देखने में बहुत मनभावक लगता है। साल 2018 में यहां पर 3 लाख दीये जलाए गए थे। यह एक कीर्तिमान हैए जो गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। 

कोलकाता

इस अवसर पर समस्त कोलकाता शहर में काली पूजा होती है। यहां पर अनेक मंदिरों जैसे बेलुर मठ कालीघाट आदि में इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण एकत्रित होते हैं। इस पर्व पर सारा शहर रोशनी से जगमगा रहा होता है और लोगों की उमंग अपने चरम पर होती है।